घुमंतू परिवारों पर बारिश का कहर, भूखे रहने को मजबूर!
देशभर में जारी भारी बारिश के कारण उत्तरी भारत में लोगों का जीवन अस्त-वयस्त हो गया है. इस बीच चंडीगढ़ से सटे पंजाब के मुल्लापुर गांव में विमुक्त घुमंतू परिवारों पर भी यह बारिश आफत बनकर टूटी है. गुज्जर बकरवाल समुदाय से जुड़े परिवार अपने पालतू पशुओं के साथ बरसाती नदी की तलहटी में जीवन बिता रहे हैं इस बीच एक हफ्ते से जारी भारी बारिश के कारण घुमंतू समुदाय के लोगों के पशु पानी के बहाव में फंस गए.
विमुक्त घुमंतू समुदाय से आने वाले करीबन 65 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया, “हम लंबे समय से बरसाती नदी की तलहटी में अपने पशुओं के साथ रह रहे हैं. इस बीच बारिश के कारण नदी में पानी का तेज बहाव आया और हमारे पशु पानी के बहाव में फंस गये. पिछले दो तीन दिन से कुछ नहीं खा पाये हैं हम केवल गाय के दूध की चाय बनाकर गुजारा करने को मजबूर हैं. सरकार की ओर से हमारी मदद के लिए यहां तक कोई नहीं आया है”
इस तरह के मौसम में बेघर घुमंतू परिवारों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. देश में विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदाय की जनसंख्या 20 करोड़ के आस पास है. 2008 में आई रैनके कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार देश में विमुक्त घुमंतू समुदाय के 50 फीसदी लोगों के पास अपने दस्तावेज और मकान नहीं है यहां तक की मकान बनाने के लिए जमीन भी नहीं है.
विमुक्त घुमंतू समुदाय की आबादी का एक बड़ा हिस्सा आज भी घुमंतू जीवन यापन करने को मजबूर हैं. देश के मौजूदा प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने से पहले चुनाव में वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद सरकार 2022 तक बेघर परिवारों को पक्के मकान देने का काम करेगी लेकिन पक्का मकान देना तो दूर विमुक्त घुमंतू समुदाय के लोगों को जमीन तक नहीं मिल पाई है.
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