146 JSE की भर्ती रद्द होने पर मानसिक दबाव से गुजर रहे चयनित उम्मीदवार
हरियाणा सरकार ने 146 जूनियर सिस्टम इंजीनियर की भर्ती रद्द करने का फरमान जारी किया है. दो साल पहले हरियाणा सरकार ने 146 जूनियर सिस्टम इंजीनियर की भर्ती निकाली थी. दो साल के लंबे इंतजार के बाद सरकार की ओर से उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है. DHBVN यानी दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से बिजली विभाग के निदेशक ने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) को 146 जूनियर सिस्टम इंजीनियर की भर्ती रद्द करने बाबत पत्र लिखा है.
DHBVN ने जूनियर सिस्टम इंजीनियर की जरूरत नहीं होने का हवाला देते हुए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को भर्ती रद्द करने के लिए कहा है. जूनियर सिस्टम इंजीनियर के तौर पर चयनित सभी 146 उम्मीदवार, भर्ती रद्द किये जाने के फैसले से परेशान हैं. अब सवाल उठ रहे हैं कि जिस भर्ती को करवाने में 2 साल का वक्त लगा अचानक से उस भर्ती को रद्द क्यों किया गया.
DHBVN की मांग पर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने 5 जुलाई 2019 को JSE की 146 पोस्ट के लिए कंप्यूटर साइंस और आईटी संकाय से बीटेक उम्मीदवारों को आवेदन के लिए आमंत्रित किया था. जॉब प्रोफाइल के अनुसार चयनित उम्मीदवारों को बिजली विभाग में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के मैनेजिंग और सपोर्ट सिस्टम को संभालना था. इसके तहत 27 फरवरी 2020 को करीबन 30 हजार उम्मीदवारों ने पेपर दिया. 22 अप्रैल 2020 को इस परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया जिसके बाद 6 नवंबर 2020 को फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया. चयनित उम्मीदवार जॉइनिंग के इंतजार में थे इसी बीच सरकार ने भर्ती रद्द करने का फरमान जारी कर दिया.
सरकार के इस फैसले से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है. JSE के लिए चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट में करीबन 40 महिलाएं भी शामिल हैं इनमें से जींद जिले की सुमन देवी ने बताया कि “परीक्षा पास होने के बाद उम्मीद थी कि अंतिम सूची में नाम आने के बाद नौकरी लग जाएगी लेकिन सरकार के भर्ती रद्द करने के फैसले से बहुत निराशा हुई है”
वहीं दूसरे उम्मीदवार नीरज ने कहा कि “चयनित होने के बाद भी भर्ती रद्द होने के कारण नियुक्ति न मिलने के चलते उम्मीदवार मानसिक रूप से दबाव का शिकार हुए हैं. सरकार अगर हमारी मांग नहीं मानती है तो हम सरकार के खिलाफ और DHBVN के मुख्य दफ्तर के बाहर धरना देंगे”
सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने 146 जेएसई की भर्ती रद्द करने के फैसले को सरकार की मनमानी बताते हुए इसे युवाओं के साथ धोखा बताया. लांबा ने कहा कि “बीजेपी-जेजेपी सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाए युवाओं से रोजगार छीनने का काम कर रही है, सरकार, सरकारी नौकरियों को खत्म करके निजीकरण को बढ़ावा दे रही है और निजीकरण के चलते ही इस भर्ती को रद्द किया गया है”