कर्नाटक: सूखाग्रस्त किसानों का 30 हजार करोड़ का नुकसान!

 

कर्नाटक के किसानों का सूखे के कारण करीबन 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. कर्नाटक में सूखे के चलते 42 लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल को नुकसान हुआ है. राज्य सरकार की ओर से 216 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष (एनडीआरएफ) के अनुसार, हमने केंद्र सरकार से ₹4,860 करोड़ की मांग की है और केंद्रीय टीम ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है.”

कर्नाटक के मुख्य मंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले 195 तालूकों को सूखा प्रभावित घोषित किया था अब एक और बैठक के बाद 21 नए तालुक सुखा प्रभावित घोषित किए गए हैं.मुख्यमंत्री ने कहा, “इस साल की खासियत यह है कि हम हरित सूखा देख रहे हैं, जहां फसलें तो उग गईं लेकिन कोई उपज नहीं हुई.”

कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा कि राज्य के लिए अतिरिक्त राहत कोष की मांग करते हुए केंद्र सरकार को एक और ज्ञापन सौंपेंगे. मंत्री ने कहा कि राज्य के पास केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार 300-350 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सूखा राहत मांगने अधिकार है.

वहीं विपक्षी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को राज्य सरकार को किसानों के मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी. उन्होंने कहा अगर चार और जिलों – हावेरी, शिगगांव, हनागल और बयाडगी को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया तो वो किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे.

वहीं तमिलनाडु के किसान भी सूखे की मार झेल रहे हैं. तिरुनेलवेली जिले के किसानों ने सरकार से तिरुनेलवेली जिले को सूखा प्रभावित जिला घोषित करने की मांग की है. कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु ऑल फार्मर्स एसोसिएशन के जिला सचिव डी. अब्राहम के नेतृत्व में किसानों ने कहा कि इस साल यहां केवल 18,000 एकड़ जमीन पर खेती की गई है, केवल दो सिंचाई चैनलों में पानी छोड़ा गया है, जबकि जनवरी 2022 से मानसून की विफलता के कारण शेष 1.50 लाख एकड़ में कोई खेती नहीं हो पाई.