मेवात हिंसा पर SKM का बयान, ‘किसान आपसी भाईचारा न बिगड़ने दें’
संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 जुलाई को नूंह, गुड़गांव ,पलवल और अन्य क्षेत्रों में की गई व्यापक हिंसा पर गहरी चिंता जताते हुए कड़ी भर्त्सना की है. इस हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई. इसके अलावा गाड़ियों और दुकानों को जलाकर भारी नुक्सान किया गया है.
एसकेएम ने कहा मेवात क्षेत्र में लगातार शांति व परस्पर सद्भाव को बिगाड़कर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की योजनाबद्ध कोशिशें की जाती रही हैं. अनगिनत नामों के संगठन बाहर से जाकर मेवात में धर्म के आधार पर लोगों को लड़वाने के उद्देश्य से नफ़रत फ़ैलाने की गतिविधियों में शामिल रहे हैं. हरियाणा की भाजपा सरकार की ओर से राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसे तत्वों को संरक्षण मिलता रहा है.
ऐसे सांप्रदायिक तत्वों द्वारा विगत में गौ तस्करी का झूठा प्रचार करके पहलू खान, अकबर खान , जुनैद और नासिर आदि पशुपालक किसानों की दिन दहाड़े हत्याएं किये जाने के बावजूद किसी को भी सजा नहीं दी गई
ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान भिन्न भिन्न समुदायों के किसान -मजदूरों के बीच जो एकता स्थापित हुई उसे तोड़ कर भाजपा की सरकार कार्पोरेट परस्त कृषि विरोधी नीतियां थोपने का खेल रच रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि हिंसा की गंभीर आशंकाओं के बावजूद धार्मिक यात्रा के बहाने आक्रामक आयोजन की अनुमति देना यह दर्शाता है कि सरकार ऐसी घटनाएं करवा कर लोगों की पालेबंदी करवाना चाहती थी. भाजपा शासित मणिपुर इसका जीता जागता उदाहरण है जहां ऐसे कांड हो रहे हैं जिनसे मानवता भी शर्मसार हुई है.
हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा कई लोगों की मृत्यु पर अफसोस प्रकट करता है और हिंसा व आगजनी में जिनकी हानि हुई है उनके प्रति संवेदना प्रकट करता है. एसकेएम ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच करवा कर सच्चाई सामने लाए जाने की मांग की. यह गंभीर चिंता का विषय है कि प्रदेश भर में सांप्रदायिक संगठनों की ओर से अब परस्पर सद्भाव बिगाड़ने की कोशिशें जारी हैं. मेवात और प्रदेश की जनता से संयुक्त किसान मोर्चा अपील करता है कि वह इन तत्वों को अलग-थलग करें और अपने परंपरागत भाईचारे को किसी भी हालत में न बिगड़ने दें.