BJP का बेबस बब्बर शेर!
खुद को बब्बर शेर कहने वाले और अपनी बेबाकी के चलते आए दिन सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता, नायब सिंह सैनी कैबिनेट का हिस्सा और अंबाला छावनी से सात बार के विधायक अनिल विज अपनी ही पार्टी में अनदेखी का शिकार चल रहे हैं. विज की अनदेखी इस स्तर तक हो रही है कि अब वो अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन तक करने को तैयार हैं.
दरअसल 30 जनवरी को पत्रकारों से बातचीत के दौरान अनिल विज ने जो बयान दिया वो साफ इशारा कर रहा है कि विज को लेकर अब पार्टी के भीतर ज्यादा उत्साह नहीं रह गया है. उनके एक मिनट से भी कम के बयान में उनकी बेबसी और लाचारगी साफ दिख रही है. दरअसल अनिल विज ने अधिकारियों पर उनके आदेशों की पालना नहीं करने का आरोप लगाते हुए जनता दरबार लगाने से भी इनकार कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने ग्रीवन्स मीटिंग में भी जाने से इंकार कर दिया है. इतना ही नहीं कल तक हरियाणा को मुख्यमंत्री बनने के सपना पाल रहे अनिल विज ने कहा, “उनको बाकि हरियाणा से कोई मतलब नहीं उनको लेकर अपने विधानसभा क्षेत्र अंबाला छावनी की जनता के लिए काम करना है जिसने सात बार विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजा है.”
अनिल विज यहीं तक नहीं रुके उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह अनशन करने तक की चेतावनी दे डाली.
विज के निशाने पर अब सीएम नायब सैनी भी आ गए हैं उन्होंने सीएम नायब सैनी पर निशाना साधते हुए कहा कि “वो जब से मुख्यमंत्री बने हैं उड़नखटोले से नीचे नहीं उतरे हैं, उड़नखटोले से नीचे उतरेंगे तो जनता के दुख तकलीफ का पता चलेेगा”.
विज की नाराजगी हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान से चली आ रही है. जब उन्होंने कहा था कि उनको चुनाव जीतने के लिए दिल्ली के बड़े नेताओं की जरुरत नहीं है उन्होंने किसी भी बड़े नेता को अपने चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया था. चुनाव के दौरान और चुनाव जीतने के बाद अनिल विज ने अपनी ही पार्टी के स्थानीय नेताओं पर चुनाव हरवाने और उन्हे मरवाने तक का गंभीर आरोप लगाया था. चुनाव के बाद वो चाहते थे कि इन नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया जाए लेकिन पार्टी के नेताओं की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया और फिर विज ने सीएम सैनी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया.
मनोहर लाल खट्टर सरकार में अनिल विज के पास गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की कमान थी उस सरकार में भी सीआईडी विभाग को लेकर विज और खट्टर के बीच की खटास किसी से छिपी नहीं है.
वहीं अंबाला छावनी विधानसभा से अनिल विज के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली चित्रा सरवारा ने विज के इस बयान को लेकर निशाना साधते हुए अनशन करने की बजाए इस्तीफा देने की मांग की.
एक दौर में पूरे हरियाणा में बीजेपी के लिए केवल अपने दम पर अकेले पार्टी का झंडा बुलंध करने वाले अनिल विज आज एकेले पड़ते दिख रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की माने तो अनिल विज की इस स्थिति के पीछे मनोहर लाल खट्टर की राजनीतिक ताकत काम कर रही है.