हरियाणा में महिला आयोग के पास लव जिहाद की एक भी शिकायत नहीं, फिर भी कानून बनाने में जुटी सरकार!
हरियाणा सरकार कथित लव जेहाद को गम्भीर समस्या के तौर पर प्रचारित कर इसको रोकने के लिए सख्त कानून बनाने में जुटी है. लेकिन एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि राज्य महिला आयोग के सामने लव जिहाद का कोई मामला नहीं आया है.
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर द्वारा 13 नवम्बर 2020 को लगाई गई आरटीआई का जवाब देते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग के जन सूचना अधिकारी ने यह जानकारी दी है कि राज्य महिला आयोग को पूरे राज्य से लव जिहाद से जुड़ी आज तक एक भी शिकायत नहीं मिली है. इसके अलावा हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस मुद्दे पर अब तक न तो कोई मीटिंग की, न ही सरकार को कोई सिफारिश भेजी गई है और न ही कोई रिपोर्ट तैयार की गई है.
आरटीआई में पूछे गए सात सवाल. सवाल संख्या 2 और 3 का जवाब नहीं दिया गया.
- पूरे हरियाणा से जिलावार लव जेहाद के मामलों की आपको प्राप्त सभी शिकायतों की सूचना(संख्या की सूचना).
- उपरोक्त सभी शिकायतों व इन बारे दर्ज FIR के स्टेस्ट रिपोर्ट की सत्यापित प्रति सूचना.
- लव जिहाद की परिभाषा की सूचना.
- लव जिहाद की रोकथाम बारे राज्य महिला आयोग हरियाणा द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट.
- मीटिंगों में इस मुद्दे पर हुई प्रोसिंडिंग की सत्यापिक प्रति.
- लव जिहाद की समस्या बारे सरकार को भेजी गई सिफारिश और रिपोर्ट की कॉपी .
- लव जिहाद पर की गई अध्ययन रिपोर्ट की कॉपी.
आरटीआई में सात सवाल किए गए थे. जिनमें से पांच सवालों के जवाब दिए गए हैं. राज्य महिला आयोग ने दो सवालों से जुड़ी जानकारी नहीं होने का हवाला दिया. सबसे दिलचस्प है कि आरटीआई में लव जिहाद को परिभाषित किए जाने के सवाल पर राज्य महिला आयोग ने लिखा कि आयोग के पास इस तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं है यानी राज्य महिला आयोग के पास लव जिहाद की परिभाषा तक नहीं है.
बीजेपी शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में लव जिहाद को लेकर कानून बनाए गए हैं इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार भी कानून बनाने की तैयारी में है.
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया, “इस आरटीआई खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि कथित लव जेहाद कोई समस्या नहीं ,बल्कि समाज में नफरत फैलाने का बीजेपी व आरएसएस का राजनैतिक एजेंडा है.”
एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया, “उन्होंने इसी मुद्दे पर मुस्लिम आबादी वाले जिला नूंह, फरीदाबाद, पानीपत, यमुनानगर, अम्बाला, गुरुग्राम, रेवाड़ी, हिसार के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में भी आरटीआई लगाई थी. पुलिस से प्राप्त सूचनाओं मुताबिक पिछले तीन वर्षों में कथित लव जेहाद के मात्र चार केस दर्ज हुए. इनमें से जाँच के दौरान दो केस झूठे पाए जाने पर रद्द कर दिये गए. एक केस में सबूतों के अभाव में आरोपी अदालत से बरी हो गया. जबकिं एक केस अदालत में लंबित है.”