पौधारोपण के लिए हर साल 40-50 करोड़ रूपए खर्च करने के बाद भी घटा वनक्षेत्र!
सरकार की ओर से हर साल करोड़ों पौधे लगाने का दावा किय जाता है. पौधारोपण के लिए करोड़ों का बजट जारी किया जाता है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हर साल लगाए जाने वाले पौधों का रखरखाव नहीं किया जाता है. जिन पौधों को पेड़ों में बदलने के लिए हर साल करोड़ों रुपये बहाए जा रहे हैं उसका परिणाम सीफर नजर आता है.
आईएएफएस की 2021 कि रिपोर्ट के बाद हरियाणा विधानसभा में पेश की गई पब्लिक अकाउंट कमेटी (पीएसी) ने भी वन विभाग के पौधारोपण सिस्टम को लेकर सवाल उठाए हैं. हरियाणा में हर साल करोड़ों पौधें लगाए जाते हैं. इंडिया स्टेट ऑफ फारेस्ट सर्वे की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 2 साल के भीतर 140 स्क्वायर किलोमीटर ट्री कवर घटा है, जबकि पौधारोपण के लिए सालाना 40 से 50 करोड़ रूपए खर्च किये जाते रहे हैं.
अभी वन और ट्री-कवर हरियाणा के 44 हजार 212 स्क्वेयर किलोमीटर के क्षेत्र में 2,990 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र ट्री कवर क्षेत्र है. 1425 स्क्वेयर किलोमीटर में वन है. आईएएसएफ की 2021 कि रिपोर्ट के अनुसार 2019 में 1565 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र में ट्री-कवर घटकर 2021 में 1425 स्क्वेयर किलोमीटर हो गया है.
आईएएसएफ की रिपोर्ट के बाद पीएसी ने वन विभाग से पौधारोपण को लेकर ब्यौरा मांगा है जिसमें पौधारोपण पर होने वाले खर्च को लेकर जानकारी की बात की गई है. इस रिपोर्ट से यह पता चलेगा की आखिर पेड़ों की वृद्धि क्यों नहीं हो रही है. वहीं पौधे ना बढ़ने के दो कारण है. पहला देखरेख में कमी, पौधे लगा तो दिये जाते है लेकिन उनकी देखरेख उचित ढंग से नहीं कि जाती है, जिसके कारण पेड़ बढ़ने से पहले ही खत्म हो जाते हैं. दूसरा करण है कि कही पौधे लगाए ही नहीं जाते हैं.
वहीं हिंदी अखबार दैनिक भास्कर में छपि एक रिपोर्ट के अनुसार वन विभाग का कहना है कि लगाए गए पौधों में से यदि 60 फीसदी पौधे भी जीवित रहते हैं तो यह हमारे लिए अच्छा है, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता है. जीवित पौधों की संख्या 60 फीसदी से भी बहुत कम रह पाती है. वन विभाग ने इस साल के लिए भी 2 करोड़ पौधों का लक्ष्य रखा है. साथ ही वन विभाग के मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी मंचों से कईं दफा यह एलान कर चुके हैं कि हरियाणा में वन क्षेत्र 7 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे एक ओर से वन क्षेत्र घटता जा रहा है वहीं मंत्री जी 20 फीसदी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.
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