खेतों में जल भराव से परेशान किसानों ने किया हाइवे जाम!

 

खेतों में जल भराव की समस्या को लेकर हिसार के सिंघवा राघो गांव के किसानों ने करीब छह घंटे तक हांसी-बरवाला हाइवे जाम कर दिया. खेतों से पानी निकालने में विफल रहे अधिकारियों से नाराज किसानों ने हाइवे जामकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

हांसी-बरवाला हाइवे पर जाम लगाकर बैठे किसानोंं ने आरोप लगाया कि बारिश का पानी अभी भी उनके खेतों में खड़ा है, जिससे गांव के बाहरी इलाके में स्थित कुछ इलाकों की सड़कें पानी में डूब गई हैं, जिसके कारण गांव के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में हुई भारी बारिश के कारण क्षेत्र के खेतों में पानी भर गया था. भारी जलभराव के कारण हिसार जिले के करीब 50 गांवों के किसान रबी की फसल नहीं बो पा रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार धावर, बिठमारा, सिंघवा राघो, गुराना, सिंधार, लाडवा, पाटन, मिर्जापुर, चैनत, गढ़ी, भटोल जाटन, खैरी, भगाना, हरिता सबसे ज्यादा प्रभावित गांव हैं. वहीं मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दिसंबर के पहले सप्ताह में उपायुक्तों को जलभराव वाले खेतों से पानी की निकासी के लिए तत्काल उपाय करने का निर्देश दिया था.

वहीं गांव के नरेश कुमार ने कहा कि पिछले साल सितंबर से लगभग 800 एकड़ में अभी भी बारिश का पानी भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि पूरा क्षेत्र खेती योग्य है और इस रबी मौसम में बाढ़ के कारण बुवाई नहीं की जा सकती है. ऐसे कई किसान हैं जो अपने खेतों में एक दाना भी नहीं बो पाते हैं और इस प्रकार उन्हें अगले साल के लिए अनाज दूसरों से खरीदना पड़ता है.

एक अन्य ग्रामीण सुनील कुमार ने कहा कि उन्होंने कई बार जिला अधिकारियों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा, “अधिकारियों द्वारा हमारी सुनवाई नहीं करने के बाद हमें सड़क जाम करनी पड़ी है,” उन्होंने कहा, यहां तक कि कुछ घरों की नींव में पानी के रिसाव के कारण इमारतों में दरारें भी आ गई हैं.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने रुके हुए पानी को तेजी से निकालने के वादे पर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. लेकिन ग्रामीणों ने उसकी एक न सुनी. इसके बाद तहसीलदार गांव पहुंचे और ग्रामीणों से लंबी चर्चा की. तहसीलदार ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अपने जिला मुख्यालय से पाइप लाइन लाने और मोटर लगाकर पानी की निकासी शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने गांवों से खेतों से पानी निकालने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा. ग्रामीणों ने समय सीमा पूरी नहीं होने पर फिर से सड़क जाम करने की चेतावनी दी है.