आंदोलन को नया रुख दे सकती है उग्राहां की किसान-मजदूर महारैली
किसान आंदोलन की सबसे मजबूत ताकत भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) ने पंजाब खेत मजदूर यूनियन के साथ मिलकर रविवार को पंजाब के बरनाला में एक बड़ी रैली बुलाई है। बरनाला अनाज मंडी में होने वाली यह महारैली किसान-मजदूर एकता की मिसाल बन सकती है। रैली की तैयार बहुत जोरशोर से हो रही हैं। आयोजकों का दावा है कि इसमें लाखों की तादाद में किसान और मजदूर जुटेंगे।
इससे पहले रेल रोको और चक्का जाम में भी बीकेयू (एकता उग्राहां) ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। संगठन के बैनर लगे हजारों महिलाओं कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से सड़कों पर हैं। दरअसल, पंजाब में किसान आंदोलन को मजबूती देकर हरियाणा और दिल्ली के रास्ते देश के कई राज्यों में पहुंचाने का बहुत बड़ा श्रेय उग्राहां को जाता है। अब संगठन किसान सभाओं के जरिये नए सिरे से आंदोलन की जड़ों को मजबूती देने में जुटा है।
अभिनेता सुशांत सिंह समेत कई लोग सोशल मीडिया पर किसान मजदूर एकता महारैली के समर्थन में आगे आए हैं।
इस महारैली के जरिये किसान-मजदूर एकता का प्रदर्शन तो होगा ही, साथ ही किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गए लोगों की रिहाई के लिए आवाज उठायी जाएगी। आयोजकों का कहना है कि महारैली के लिए बरनाला की अनाज मंडी में 9 लाख वर्ग फीट का स्थान बनाया जा रहा है, जहां 2 लाख किसानों के पहुंचने की उम्मीद है।
ऐसे समय जब किसान आंदोलन को लगभग तीन महीने हो चुकी है और फसल कटाई का समय आ रहा है तो आंदोलन को लेकर भी कई तरह के कयास लग रहे हैं। इस बीच, दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों की तादाद भी कम हुई है। ऐसे में यह रैली पंजाब में आंदोलन को नए सिरे से मजबूती दे सकती है, जिसका असर दिल्ली मोर्चों और देश के बाकी राज्यों में किसान आंदोलन के मूड पर भी पड़ेगा।
26 जनवरी को जिस प्रकार दिल्ली में उपद्रव हुआ। ट्रैक्टर मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी आईटीओ व लाल किले तक पहुंचे, उसके बाद से ही आंदोलन के तौर-तरीकों और जनता में उसके मैसेज को लेकर काफी मंथन चल रहा है। इस बीच आंदोलनकारियों, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से भी कहीं न कहीं आंदोलन के मनोबल पर असर पड़ा है। लेकिन जिस तरीके से 28 जनवरी को राकेश टिकैत की भावुक अपील ने आंदोलन में जान फूंक दी। उम्मीद की जा रही है कि वैसा ही कुछ करिश्मा उग्राहां की किसान-मजदूर एकता महारैली भी कर सकती है।