बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से चौपट हुई धान की फसल!

 

बारिश और ओलावृष्टि ने प्रदेश के किसानों की चिंता बढ़ा दी है. धान और कपास की फसल पर बारिश के साथ ओलावृष्टि ने सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जिलों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इसके साथ करनाल, कैथल अंबाला और रोहतक में भी बारिश ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है.

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बारिश और तेज हवाओं के कारण धान और कपास की फसलें चौपट हो गईं हैं. फतेहाबाद और रतिया इलाकों में लगभग 15 मिमी बारिश हुई, जबकि सिरसा में लगभग 10 मिमी बारिश हुई.

किसानों ने कहा कि बारिश के कारण धान की फसल को चौपट हो गई है. एक अधिकारी ने कहा, “फतेहाबाद में लगभग 15% धान की कटाई हो चुकी है क्योंकि इस क्षेत्र में कटाई देर से शुरू होती है. अनाज की गुणवत्ता को नुकसान के अलावा, धान के उत्पादन में लगभग 15% का नुकसान होता दिख रहा है.”

सिरसा के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉटन रिसर्च के प्रमुख डॉ. सुरेंद्र के वर्मा ने कहा कि गुलाबी कीड़े के कारण कपास को भारी नुकसान हुआ है और बारिश ने खड़ी फसल को और नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि किसानों द्वारा कपास की गेंदों की आखिरी कटाई का काम किया जा रहा था. अनाज मंडियों में पड़ी उपज भी भीग गई.

वहीं करनाल और कैथल में भी भारी बारिश से अनाज मंडियों में पड़ा धान का स्टॉक भीग गया, जिससे अधिकारियों के इंतजामों की पोल खुल गई. मार्केट कमेटी सचिव कैथल बसाऊ राम ने दावा किया कि व्यवस्था कर दी गई है और अनाज के सभी ढेर ढक दिए गए हैं. ऐसी ही स्थिति करनाल, इंद्री और निगधू की अनाज मंडियों में भी देखने को मिली.

इसके साथ ही अंबाला में भी बारिश और ओलावृष्टि ने धान उत्पादकों को चिंतित कर दिया है क्योंकि इससे कटाई रुक गई है, साथ ही अनाज मंडियों में धान का स्टॉक भीग गया है.