योगेंद्र यादव
बेहतर हैं 2024 के लिए विपक्ष की संभावनाएं: योगेंद्र यादव
2004 के लोकसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर, मैंने एक लेख लिखा था, ‘जनमत सर्वेक्षणों के नतीजों का ख्याल छोड़ दीजिए, दौड़ अभी जारी है’ (द हिंदू, 15 मार्च, 2004)। यह बात काबिले गौर थी- “इंडिया शाइनिंग” के जोर-शोर से किये जा रहे प्रचार के बावजूद, चुनावी आंकड़ों पर निष्पक्ष नजर बता रही थी कि भाजपा के लिए हार की संभावना थी।
Dec 11, 2023Top Videos

टमाटर बिक रहा कौड़ियों के दाम, किसानों को 2-5 रुपये का रेट!

किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान

उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है

Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
