रमा शंकर सिंह, साभार - जनपथ

कलंकित अतीत और धुँधला भविष्य: न्याय की तलाश में विमुक्त जन

व्यक्तियों, समुदायों, नेताओं, अधिकारियों और सेठों के साथ कमजोर, गरीब, सताये और संतप्त लोग, अस्पृश्य और अपराधी करार दिए गए समूह लोकतंत्र के एक विशाल जुलूस में अपनी-अपनी गति से जा रहे हैं- एक दूसरे को धकियाते हुए, एक दूसरे से जगह माँगते हुए, अपनी जगह बनाते हुए। कुछ को जगह मिल जा रही है, कुछ को आवाज उठाने का मौका और वे लोकतंत्र से उपजी सत्ता में थोड़ी सी भागीदारी पा जा रहे हैं। कुछ को यह मौका नहीं मिल पा रहा है।

Aug 31, 2021