अरुण सिंह
उत्तराखंड की सुरंग से लीबिया की डूबी नाव तक मरते मजदूर सरकारों के लिए मायने क्यों नहीं रखते!
देश भर में सीवर में घुट कर मरते सफाईकर्मी हों, मेडिटेरेनियन सागर में नाव डूबने से मरते प्रवासी श्रमिक हों या फिर उत्तराखंड की चारधाम परियोजना के चलते सुरंग में दो हफ्ते से फंसे 41 मजदूर, ये सभी घटनाएं एक ही बात की ओर इशारा करती हैं कि सरकारों और कारोबारियों के मुनाफे की राह में कामगारों की जान का कोई अर्थ नहीं है। मजदूर किसी की प्राथमिकता में कहीं नहीं हैं।
Nov 29, 2023