नरेश सिरोही
सूखा – सच का या सोच का ?
आज के ‘विकास मॉडल’ में पृथ्वी, जल, पवन, आकाश और अग्नि को बिना कुपित किए विकास की कल्पना की जा सकती है? या फिर नए सिरे से विकास की अवधारणा पर विचार करना चाहिए?
Jun 28, 2016आज के ‘विकास मॉडल’ में पृथ्वी, जल, पवन, आकाश और अग्नि को बिना कुपित किए विकास की कल्पना की जा सकती है? या फिर नए सिरे से विकास की अवधारणा पर विचार करना चाहिए?
Jun 28, 2016