नारायण बारेठ
तुम किसान नहीं हो सकते!
तुम! तुम किसान नहीं हो सकते तुम मुंशी प्रेम चंद के होरी हो सकते हो, तुम हल्कू और जबरा हो सकते हो। मगर तुम किसान नहीं हो।
Dec 4, 2020तुम! तुम किसान नहीं हो सकते तुम मुंशी प्रेम चंद के होरी हो सकते हो, तुम हल्कू और जबरा हो सकते हो। मगर तुम किसान नहीं हो।
Dec 4, 2020